Sarkari Naukri: राजस्थान में सरकारी नौकरी की रूह देख रहे युवाओं के लिए राहत भरी खबर
आप सभी को बता दें कि जल्द ही राजस्थान में प्रदेश के मूलनिवासी युवाओं को ही सरकारी नौकरी में वरीयता दी जाएगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस ओर पहल करते हुए कर्मिक विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं उन्होंने इस संबंध में कहा है कि अन्य राज्य में चल रहे प्रारूप का अध्ययन किया जाए और इस संबंध में जल्द फैसला ले राजस्थान के युवाओं को राहत दी जाए।
आप सभी को बता दें कि हाल ही में मध्यप्रदेश में भी स्थानीय युवाओं को नौकरी देने का फैसला लिया गया था उसी फैसले को मध्य नजर रखते हुए राजस्थान में भी इस तरह की मांग उठाई जा रही है।ऐसे में युवाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है और कर्मिक विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं।
राजस्थान में लंबे समय से बेरोजगारों की उठ रही थी मांग
आप सभी को बता दें कि राजस्थान में पहले सरकारी नौकरियों में किसी भी प्रकार की पाबंदी नहीं थी और यहां किसी भी राज्य का अभ्यर्थी परीक्षा देकर नौकरी पा सकता था। पिछले कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सरकार ने फैसला किया था कि सरकारी भर्तियों में केवल मध्य प्रदेश के युवाओं को ही मौका देंगे।
आप सभी को बता दें कि इसके बाद यह मामला गरमा गया था कि राजस्थान में भी स्थानीय युवाओं को ही प्राथमिकता दी जाए और राजस्थान में बाहरी राज्यों के युवाओं को नौकरी दिए जाने के चलते बेरोजगार युवा पिछले लंबे समय से स्थानीय लोगों को ही सरकारी नौकरी में प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं
राजस्थान में बेरोजगार संघ चला रहा है आंदोलन
आप सभी को बता दें कि स्थानीय युवाओं को नौकरी देने की मांग पर लंबे समय से विभिन्न बेरोजगार महा संघ आंदोलन कर रहे थे। उनका कहना यह था कि राजस्थान में प्रदेश के युवाओं को ही नौकरी क्यों दी जाए। जैसे कि आप सभी को बता दें कि दूसरे राज्यों में जैसे- हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, की सरकारों ने बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए कोटा निर्धारित किया हुआ है कई राज्यों में स्थानीय युवाओं को ही भर्ती में प्राथमिकता दी जाती है।
प्रदेश के बेरोजगारों का कहना था कि यदि दूसरे राज्य अपने युवाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं तो राजस्थान ऐसा क्यों नहीं कर सकता है। मीडिया सूत्रों के अनुसार सीएम अशोक गहलोत राज्य के बेरोजगार युवाओं को लेकर खास चिंतित है। इसी को ध्यान में रखकर उसकी ओर से यह कदम उठाया गया है।आप सभी को बता दें कि इसी के चलते सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने को लेकर मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है।
राजस्थान में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने के संबंध में कई बिंदुओं पर सहमति बनी। बैठक में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा सीएस राजीव स्वरूप सहित विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे। वही मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रशासनिक अमला इस पूरी कवायद में जुट गया था। इस संबंध में सचिवालय में सीएम राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि इस मामले में न्यायिक पक्ष भी मजबूत किया जाए राजस्थान के सीएम ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से अन्य राज्यों की स्थिति जानने के लिए निर्देश दिए गए।
बेरोजगारों के समर्थ में जुटी भाजपा सरकार
आप सभी को बता दें कि राजस्थान भाजपा सरकार ने भी इस संबंध में प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस पहल का स्वागत भी किया है।भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता रामलाल ने कहा कि भाजपा व युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने पहले भी ऐसी मांगे रखी थी। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान के युवाओं को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता मिलनी चाहिए बाहर के युवाओं के आने से प्राथमिकता नष्ट हो जाती है।
Good dicison.
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