विनिर्माण उद्योग का वर्गीकरण: कुटीर उद्योग, लघु उद्योग, बड़े पैमाने के उद्योग, कच्चे माल पर आधारित उद्योग, कृषि आधारित उद्योग, खनिज आधारित उद्योग, रसायन आधारित उद्योग आदि की संपूर्ण जानकारी
विनिर्माण उद्योगों का वर्गाफरण उनके आकार, कच्चे माल, उत्पाद व स्वामित्व के आधार पर किया जाता है। (1) आकार पर आधारित उद्योग : किसी उद्योग का आकार उसमें निवेशित पूँजी, कार्यरत श्रमिकों की संख्या एवं उत्पादन की मात्रा पर निर्भर करता है। आकार के आधार पर उद्योगों को तीन वरग्गो में बाटा जा सकता है - (अ) कुटीर उद्योग (ब) लघु उद्योग (स) बड़े पैमाने के उद्योग (अ) कुटीर उद्योग : यह निर्माण की सबसे छोटी इकाई है। इसमें दस्तकार स्थानीय कच्चे माल का उपयोग करते है। वह कम पूँजी तथा दक्षता से साधारण औजारों के द्वारा परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर घरों में ही अपने दैनिक जीवन के उपयोग की वस्तुओं का उत्पादन करते है। निजी उपभोग के बाद शेष बचे तैयार माल को स्थानीय बाजार में विक्रय कर देते हैं। कुटीर उद्योगों के अन्तर्गत कुछ ऐसी वस्तुओं का निर्माण होता है जो आधुनिक तकनीक से उत्पादित वस्तुओं से भी प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है। इस उद्योग में दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं जैसे खाद्य पदार्थ, कपड़ा, फर्नीचर, बर्तन, औजार, जूते, मिट्टी के बर्तन, आभूषण, कागज, पत्तल, आदि बनाये जाते हैं । भारत क