राजस्थान का उत्तर- दक्षिणी-पूर्वी पठार लावा प्रदेश अथवा हाड़ौती का पठार आदि से जुड़ी संपूर्ण जानकारी
उत्तर- दक्षिणी-पूर्वी पठार लावा प्रदेश अथवा हाड़ौती का पठार - राजस्थान का दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्र एक सुनिश्चित भौगोलिक इकाई है जिसे हाड़ोती के पठार' के नाम से जाना जाता है। इसके अन्तर्गत कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ जिला शामिल किया गया है । इसका विस्तार 23°57' से 25°27' उत्तरी अक्षांश एवं 75°15 से 77°75’ पूर्वी देशान्तर तक पाया जाता है । यह सम्पूर्ण प्रदेश 24,185 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में है। इस प्रदेश की पूर्वी-दक्षिणी एवं दक्षिणी-पश्चिमी सीमाएँ मध्य प्रदेश राज्य से लती हैं जबकि उत्तरी एवं उत्तरी-पश्चिमी सीमाएँ क्रमश:सवाई माधोपर.टोंक,भीलवाड़ा एवं तौडगढ़ जिलों की सीमाओं से संयुक्त है । विस्तृत भौगोलिक अध्ययन की दृष्टि से हाड़ौती पठार का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है- 1. ऐतिहासिक पृष्ठभूमि - यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि हाडौती के पठार के तिहास ने इस प्रदेश के भौगोलिक स्वरूप का निर्धारण किया है। वस्तुतः इस प्रदेश में तिहास तथा भूगोल एकाकार हो गये हैं जिसके फलस्वरूप यह प्रदेश राजस्थान का एक आदर्श भौगोलिक प्रदेश बन गया है। इसमें शामिल भूतपूर्व तीनों रा