विनिर्माण उद्योग: कच्चा माल, शक्ति के साधन, परिवहन व संचार के साधन, बाजार, कुशल श्रमिक, पूंजी, जलापूर्ति, जलवायु, उच्च तकनीक, सरकारी नीतियां अन्य कार्य से जुड़ी संपूर्ण जानकारी
विनिर्माण उद्योग का अर्थ प्राथमिक त्पादन से प्राप्त कच्ची सामग्री को शारीरिक अथवा यांत्रिक शाक्ति द्वारा परिचालित आंजारों की सहायता से पूर्व निर्धारित एवं नियंत्रित प्रक्रिया द्वारा किसी इच्छित रूप, आकार या विशेष गुणधर्म वाली वस्तुओं में बदलना है । विनिर्माण उद्योग के नाम से अक्सर यह भ्रांति हो जत। है कि यह केवल वृहद स्तर का उद्योग है। परन्तु वास्तव में ऐसा नही है इस उद्योग को किसी भी स्तर पर आरम्म किया जा सकता है। इस अर्थ में अति साधारण वस्तुओं यथा मिट्टी से मिट्टी के बर्तन व खिलौनें बनाने से लेकर भारी से भारी निर्मित वस्तुए जैसे बड़ी मशीनें, जलयान, भारी रसायन बनाने सम्बन्धी आदि सभी उद्योग सम्मिलित हैं। निर्णाण उद्योग में प्रयों किये जाने वाले पदार्थ प्राकृति दशा में कच्चा माल कहलाते हैं जैसे धात अयरुक लकडी, कपास आदि। ये असंशोधित पदार्थ भी होते है जैसे -इस्पात, जिससे यंत्र व क-पुर्जे बनाये जात है। चिरी हुरी लकड़ी जिससे कागजी लुग्दी बनाई जाती है। कपास का धागा जिससे वर्त्र बुना जाता है। किसी भी देश में निर्माण उद्योग के विकास के साथ ही उसकी राष्ट्रीय आय बढ़ती है। वह देश विकस