आप सभी को बता दें कि देश भर में कॉलेज और विश्वविद्यालयों के स्नातक कोर्स फाइनल ईयर की परीक्षाओं को लेकर यूजीसी के दिशा निर्देशों पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है। बहुत सारे अभ्यर्थी चिंता में है। यूनिवर्सिटी फाइनल ईयर की परीक्षाएं सरकार करवाना चाहती है। वही सभी अभ्यर्थी या चाहते हैं कि हमें बिना परीक्षा प्रमोट कर दें। बहुत सारे अभ्यर्थियों के लोक डाउन के दिनों से सवाल उठ रहे हैं धरना प्रदर्शन भी किया जा रहा है लेकिन इस बीच सरकार ने छात्रों के हित में कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार ने स्पष्ट तौर से कहा है कि यूनिवर्सिटी फाइनल ईयर की परीक्षाएं होगी। फाइनल ईयर की परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है,
आप सभी को बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यूजीसी की अनुमति के बिना राज्य सरकार एग्जाम रद्द नहीं कर सकते। फाइनल ईयर की परीक्षा आयोजित किए बिना छात्रों को पास नहीं किए जा सकते। सभी राज्यों को 30 सितंबर तक एग्जाम करवाने होंगे।
आप सभी को बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर तक फाइनल ईयर परीक्षा करवाने को लेकर यूजीसी के निर्देशों को चुनौती देने वाली याचिका पर 28 अगस्त को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले यूजीसी ने अदालत को बताया था की विश्वविद्यालय और कॉलेज को कॉरोना महामारी के बीच फाइनल ईयर की परीक्षा 30 सितंबर तक आयोजित कराने के संबंध में 6 जुलाई जारी निर्देश कोई फरमान नहीं है। लेकिन परीक्षाएं आयोजित किए बिना राज्य सरकार छात्रों को डिग्री प्रदान नहीं कर सकते हैं।
भारत के उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि जो राज्य 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं करवाना नहीं चाहते। उन राज्यों को यूजीसी को जानकारी देनी अनिवार्य होगी।
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