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Bihar board 10th Result 2020 Today Breaking News: बिहार बोर्ड मैट्रिक कॉपी मूल्यांकन खत्म, इस दिन तक आएगा रिजल्ट, अभी चेक करें..

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बिहार बोर्ड 10th मैट्रिक रिजल्ट 2020:- बिहार के पटना जिले में मैट्रिक की कॉपियों का मूल्यांकन शुक्रवार को समाप्त हो चुका है।बिहार बोर्ड की माने तो मई के अंतिम सप्ताह तक रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा।पटना के एक केंद्र में बच्ची हुई उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य शुक्रवार को समाप्त हो चुका है। शुक्रवार केंद्र पर 4000 कॉपियों का मूल्यांकन किया गया। डीपीओ मोइनूल ने बतायाा है कि मूल्यांकन समाप्त हो चुका है। सभी अंको की एंट्री भी देर शाम को बोर्ड को भेेज दी गई हैं। पटना के अलावा दूसरे जिलों में भी मूल्यांकन लगभग पूरा हो चुका है। सभी जिलोंं के अंक भी बोर्ड को भेज दिए गए हैं, इसके साथ ही बोर्ड अब रिजल्ट की तैयारी में जुट चुका है। अंको का कंप्यूटर से कंपाइलेशन का काम भी काफी हद तक पूरा हो चुका है,बताया जा रहा है कि बिहार बोर्ड ने टॉपर की लिस्ट भी बनानी शुरू कर दी है, और उन्हें जल्दी ही मोबाइल फोन किया जाएगा। इंटरव्यू की यह प्रक्रिया आने वाले दो-तीन दिनों में हो सकती हैं। टॉप्रों के इंटरव्यू तथा वेरीफिकेशन समाप्त होने के बाद रिजल्ट घोषित करना संभव है। इस हिसाब से देखा जाए

Chhattisgarh board exam 2020: (CGBSC) छत्तीसगढ़ बोर्ड नहीं करवाएगा, 10वीं 12वीं की बची परीक्षाएं बड़ी घोषणा

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Chhattisgarh board exam 2020:- छत्तीसगढ़ बोर्ड की कक्षा 10वीं 12वीं की बच्ची हुई परीक्षाएं अब नहीं होगी। छत्तीसगढ़़ बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने बुधवार को आयोजित मीटिंग में कहा की 10 वीं 12 वीं  बोर्ड की परीक्षाएं नहीं होगी। CGBSC के सचिव प्रोफेसर वी.के गोयल ने कहा कि इन पेपरों के नंबर इंटरनल स्टेटमेंट के आधार पर सभी स्टूडेंट्स को दिए जाएंगे। इंटरनल एसेसमेंट में जिसका जैसा प्रदर्शन होगा उसको उसके अनुसार नंबर दिए जाएंगे। इससे पहले छत्तीसगढ़ बोर्ड ने स्थगित परीक्षाओं को करवाने की कोशिश भी की थी।लेकिन को रोना महामारी के चलते लोग डाउन आगे बढ़ता गया और इन परीक्षाओं को स्थगित करना पड़ा इनके चलते यह परीक्षाएं समय पर नहीं हो पाई। छत्तीसगढ़ बोर्ड ने स्थगित परीक्षाओं के बाद नया टाइम टेबल शेडूल भी जारी किया था। बोर्ड की 21 मार्च से 31 मार्च तक होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद नया शेड्यूल भी तैयार किया गया था लेकिन उस शेड्यूल को परीक्षा करवाने को मंजूरी नहीं मिली क्योंकि आपको पता है कि कोरोना वायरस के कारण यह शेड्यूलर रद्द हो चुका था।इस प्रकार लोक डाउन अवधि

RBSC Rajasthan board Class 10th, 12th exam 2020, राजस्थान बोर्ड की कक्षा 10वीं 12वीं का शेड्यूल जल्दी जारी हो सकता है, बोर्ड ने दिया आदेश

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RBSC RAJASTHAN BOARD EXAM 2020:  माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अजमेर (RBSC) कक्षा 10वीं 12वीं की बची हुई परीक्षाओं का जल्दी जारी किया जा सकता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं का जो फैसला लिया गया था उसी को मध्य नजर रखते हुए राजस्थान बोर्ड ने भी परीक्षाओं करवाने का फैसला लिया गया है। राजस्थान राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने स्थानीय मीडिया कर्ताओं की जानकारी के मुताबिक बताया है कि 10वीं 12वीं की रह गई परीक्षाओं का आयोजन निर्धारित समय पर किया जाएगा। इस संबंध में बोर्ड 10 दिन पहले शेड्यूल जारी कर देगा। सभी छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को बता दें कि 1 सप्ताह पहले राज्य मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मैं कक्षा दसवीं बारहवीं की परीक्षाओं को लेकर कहा था कि अपनी सरकार सीबीएससी के आधार पर फैसला लेगी। पिछले हफ्ते सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं 12वीं की बाकी बची हुई 29 विषयों की परीक्षा करवाने का फैसला लिया था। यह परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच में करवाई जाएगी। इतने राजस्थान बोलना भी बची रही परीक्षा क

CBSC board exam result 2020: 3000 स्कूल मूल्यांकन केंद्र बनाए गए, कोपिया चेकिंग का काम हुआ शुरू, रिजल्ट बहुत जल्द जारी होगा

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एचआरडी मंत्री ने कहा कॉपियां मूल्यांकन का काम 50 दिन में पूरा किया जाएगा मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है की 3000 सीबीएसई स्कूलों को बोर्ड कॉपी मूल्यांकन सेंटर बनाया जाए ताकि 1.5 करोड़ कॉपियां जल्दी से शिक्षकों के पास भेजी जाएगी इससे कॉपियों का मूल्यांकन जल्दी से पूरा हो जाएगा।  मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा देश में 3000 स्कूलों को मूल्यांकन केंद्रों के रूप में संचालित किया गया हैं। यहां से 1.5 करोड़ कॉपियां जांच करने के लिए टीचरों के घर पर भेजी जाएगी। बता दें कि शनिवार को उन्होंने कहा सीबीएसई बोर्ड की 10वीं 12वीं की परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी छात्रों को इंतजार था कि हमारी परीक्षा कब करवाई जाएगी, उनके इस इंतजार को हम स्पष्ट करते हैं की बची हुई परीक्षाएं जो बाकी बचे हुए पेपर हैं उनको करवाए जाएंगे जो पेपर हो चुके हैं उनको वापस नहीं लिया जाएगा। 10 मई से आप का मूल्यांकन कार्य शुरू कर दिया है। आप को बता दें की लॉक डाउन के पहले हुए पेपरों की मूल्यांकन कार्य शुरू करवा दिया गया। आप सभी को बता दें कि परीक्षा की अभी त

महाराणा सांगा द्वारा जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी: उत्तराधिकारी के लिए संघर्ष, गुजरात के सुल्तान के साथ संघर्ष, दिल्ली सल्तनत के साथ संघर्ष, मालवा के साथ संबंध, आदि संपूर्ण जानकारी

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सांगा अपने पिता महाराणा रायमल की मृत्यु के बाद 1509 ई. में 27 वर्ष की आयु में मेवाड़ का शासक बना | मेवाड़ के महाराणाओं में वह सबसे अधिक प्रतापी योद्दा था ।  उतराधिकार के लिए संघर्ष - रायमल के जीवनकाल में ही सत्ता के लिएं पुत्रों के बीच आपसी संघर्ष प्रारम्भ हो गया | कहा जाता है कि एक बार कुंवर पृथ्वीराज, जयमल और संग्रामसिंह ने। अपनी-अपनी जन्मपत्रियाँ एक ज्योतिषी को दिखलाई। उन्हें देखकर उसने कहा कि ग्रह तो पुथ्वीराज और जयमल के भी अच्छे हैं परन्तु राजयोग संग्रामसिंह के पक्ष में होने के कारण मेवाड़ का स्वामी वही होगा। यह सुनते ही दोनों भाई संग्रामसिंह पर टूट पड़े। पृथ्वीराज ने हूल मारी जिसे संग्रामसिंह की एक आंख फूट गई। इस समय तो सांरगदेव (महाराणा रायमल के चाचा) ने बीच-बचाव कर किसी तरह उन्हें शांत किया, किन्तु दिनों-दिन कुंवरों में विरोध का 'भाव बढ़ता ही गया। सारंगदेव ने उन्हें समझाया कि ज्योतिषी के कथन पर विश्वास कर तुम्हें। आपस में संघर्ष नहीं करना चाहिये ।  इस समय सांगा अपने भाइयों के डर से श्रीनगर (अजमेर) के कर्मचन्द पंवार के पास अज्ञातवास बिता रहा था। रायमल ने उसे बुल

पृथ्वीराज चौहान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी: पृथ्वीराज चौहान की विजय, संयोगिता की कहानी, मोहम्मद गौरी के बीच संघर्ष, पराजय के कारण, मूल्यांकन, आदि की संपूर्ण जानकारी

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मुहम्मद गौरी के भारत पर आक्रमणों के समय दिल्ली व अजमेर पर पुथ्वीराज चौहान (तृतीय) का शासन था जो इतिहास में ‘रयपिथौरा' के नाम से प्रसिद्ध है । पुथ्वीराज का जन्म 1166 ई. में हुआ था । वह अपने पिता सोमेश्वर की मुत्यु के बाद मात्र 11 वर्ष की आयु में चौहान साम्राज्य का उत्तराधिकारी बना।| पुथ्वीराज की माँ कर्पूरदेवी कुशल राजनीतिज्ञा थी । इस कारण उसने प्रधानमंत्री कदम्बवास और सेनापति भुवनमल्ल की सहायता से राज्य का शासन आसानी से संभाल लिया । एक वर्ष तक माता के संरक्षण में रहने के बाद 1178ई. में पृथ्वीराज ने शासन की बागडोर अपने हाथों में ले ली । शीष्र ही उसने उच्च पदों पर अपने विश्वसनीय अधिकारियों की नियुक्ति कर विजय नीति को क्रियान्वित करने का बीड़ा उठाया। इतिहासकार गोपीनाथ शर्मा के अनुसार इेस विजय नीति के तीन पक्ष थे - स्वजनों के विरोध से मुक्ति पाना, पड़ोसी राज्यों का दमन तथा विदेशी शत्रुओं का मुकाबला।  पृथ्वीराज चौहान की विजये- पुथ्वीराज को अल्पव्यस्क देख कर उसके चाचा अपरगांग्य ने शासक बनने के लिए विद्रोह कर दिया | पुथ्वीराज ने उसे परार्त कर उसकी हत्या कर डाली किन्तु विरोधी

विनिर्माण उद्योग का वर्गीकरण: कुटीर उद्योग, लघु उद्योग, बड़े पैमाने के उद्योग, कच्चे माल पर आधारित उद्योग, कृषि आधारित उद्योग, खनिज आधारित उद्योग, रसायन आधारित उद्योग आदि की संपूर्ण जानकारी

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विनिर्माण उद्योगों का वर्गाफरण उनके आकार, कच्चे माल, उत्पाद व स्वामित्व के आधार पर किया जाता है।  (1) आकार पर आधारित उद्योग : किसी उद्योग का आकार उसमें निवेशित पूँजी, कार्यरत श्रमिकों की संख्या एवं उत्पादन की मात्रा पर निर्भर करता है। आकार के आधार पर उद्योगों को तीन वरग्गो में बाटा जा सकता है - (अ) कुटीर उद्योग (ब) लघु उद्योग  (स) बड़े पैमाने के उद्योग (अ) कुटीर उद्योग : यह निर्माण की सबसे छोटी इकाई है। इसमें दस्तकार स्थानीय कच्चे माल का उपयोग करते है। वह कम पूँजी तथा दक्षता से साधारण औजारों के द्वारा परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर घरों में ही अपने दैनिक जीवन के उपयोग की वस्तुओं का उत्पादन करते है। निजी उपभोग के बाद शेष बचे तैयार माल को स्थानीय बाजार में विक्रय कर देते हैं। कुटीर उद्योगों के अन्तर्गत कुछ ऐसी वस्तुओं का निर्माण होता है जो आधुनिक तकनीक से उत्पादित वस्तुओं से भी प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है। इस उद्योग में दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं जैसे खाद्य पदार्थ, कपड़ा, फर्नीचर, बर्तन, औजार, जूते, मिट्टी के बर्तन, आभूषण, कागज, पत्तल, आदि बनाये जाते हैं । भारत क